Wednesday, August 17, 2011



हस्तरेखा: क्या आप विदेश जाएंगे?

 
Source: धर्म डेस्क. उज्जैन   |   Last Updated 12:08 PM [IST](20/07/2010)
 
 
अधिकांश व्यक्तियों की मनोकामना होती है कि वे विदेश यात्रा करे। विदेश जाने के लिए कई प्रकार के प्रयास भी करते हैं परंतु बहुत ही कम लोगों का यह सपना पूरा हो पाता है। हाथों की रेखाएं दर्शाती हैं कि आपके विदेश यात्रा के योग है या नहीं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हाथों में शुक्र क्षेत्र (शुक्र क्षेत्र के संबंध में पूर्व में लेख प्रकाशित किया गया है) के सामने ही हथेली के दूसरी ओर चंद्र क्षेत्र होता होता है। वैसे तो चंद्र क्षेत्र व्यक्ति की कल्पना शक्ति, बौद्धिक क्षमता, मनोवृत्ति, कला प्रेम आदि को दर्शाता है।

- यदि चंद्र क्षेत्र उन्नत हो तो व्यक्ति की कल्पना शक्ति काफी अच्छी होती है। वह कला प्रेमी होता है।

- यदि चंद्र क्षेत्र दबा हुआ है तो वह व्यक्ति की कल्पना शक्ति बहुत कम होती है। वह कोई भी कार्य अधिक रूचि से नहीं कर सकता।

- यदि चंद्र क्षेत्र अत्यधिक उन्नत हो और स्वास्थ्य रेखा (स्वास्थ्य रेखा के संबंध में लेख पूर्व में प्रकाशित किया जा चुका है) दोषपूर्ण हो तो व्यक्ति को सिरदर्द, पागलपपन जैसे मानसिक रोग हो सकते हैं। ऐसे व्यक्ति की मानसिक स्थिति इतनी बिगड़ सकती है कि वह आत्महत्या जैसे प्रयास भी कर सकता है।

कैसे देखें विदेश यात्रा योग...

- यदि आपके हाथ की जीवन रेखा (जीवन रेखा के संबंध में लेख पूर्व में प्रकाशित) दोष रहित है और जीवन से कुछ रेखाएं चंद्र क्षेत्र की आ रही हैं तो ये रेखाएं व्यक्ति के विदेश यात्रा योग को दर्शाती हैं। रेखा जितनी लंबी और गहरी होगी विदेश यात्रा का योग उतना ही प्रबल माना जाता है।
 
आपके विचार

 


पं. दयानन्द शास्त्री 

ND
अधिकतर लोगों के मुँह से यह सुनने में आता है कि हमारे तो गुण मिल गए थे परन्तु हमारे (पति-पत्नि) विचार नहीं मिल रहे हैं या हम लोगों ने एक-दूसरे को देखकर समझ-बूझकर शादी की थी। परन्तु बाद में दोनों में झगड़े बहुत होने लगे हैं। आप हस्तरेखा के द्वारा होने वाले धोखे, मंगेतर के बारे में या प्रेमी-प्रेमिका के बारे में जान सकते हैं। 

किसी भी स्त्री या पुरूष के प्रेम के बारे में पता लगाने के लिए उस जातक के मुख्य रूप से शुक्र पर्वत, हृदय रेखा, विवाह रेखा को विशेष रूप से देखा जाता है। इन्हें देखकर किसी भी व्यक्ति या स्त्री का चरित्र या स्वभाव जाना जा सकता है। 

ND
शुक्र क्षेत्र की स्थिति अँगूठे के निचले भाग में होती है। जिन व्यक्तियों के हाथ में शुक्र पर्वत अधिक उठा हुआ होता है। उन व्यक्तियों का स्वभाव विपरीत सेक्स के प्रति तीव्र आकर्षण रखने वाला तथा वासनात्मक प्रेम की ओर झुकाव वाला होता है। यदि किसी स्त्री या पुरूष के हाथ में पहला पोरू बहुत छोटा हो और मस्तिष्क रेखा न हो तो वह जातक बहुत वासनात्मक होता है। वह विपरीत सेक्स के देखते ही अपने मन पर काबू नहीं रख पाता है। 

अच्छे शुक्र क्षेत्र वाले व्यक्ति के अँगूठे का पहला पोरू बलिष्ठ हो और मस्तक रेखा लम्बी हो तो ऐसा व्यक्ति संयमी होता है। यदि किसी स्त्री के हाथ में शुक्र का क्षेत्र अधिक उन्नत हो तथा मस्तक रेखा कमजोर और छोटी हो तथा अँगूठे का पहला पर्व छोटा, पतला और कमजोर हो, हृदय रेखा पर द्वीप के चिह्न हों तथा सूर्य और बृहस्पति का क्षेत्र दबा हुआ हो तो वह शीघ्र ही व्याकियारीणी हो जाती है।

यदि किसी पुरूष के दाएँ हाथ में हृदय रेखा गुरू पर्वत तक सीधी जा रही है तथा शुक्र पर्वत अच्छा उठा हुआ है तो वह पुरूष अच्छा व उदार प्रेमी साबित होता है। परन्तु यदि यही दशा स्त्री के हाथ में होती है तथा उसकी तर्जनी अँगुली अनामिका से बड़ी होती है तो वह प्रेम के मामले में वफादार नहीं होती है। यदि हथेली में विवाह रेखा एवं कनिष्ठा अँगुली के मध्य में दो-तीन स्पष्ट रेखाएँ हो तो उस स्त्री या पुरूष के उतने ही प्रेम सम्बन्ध होते हैं। 

यदि किसी पुरूष की केवल एक ही रेखा हो और वह स्पष्ट तथा अन्त तक गहरी हो तो ऐसा जातक एक पत्निव्रता होता है और वह अपनी पत्नी से अत्यधिक प्रेम भी करता है। जैसा कि बताया गया है कि विवाह रेखा अपने उद्गम स्थान पर गहरी तथा चौड़ी हो, परन्तु आगे चलकर पतली हो गई हो तो यह समझना चाहिए कि जातक या जातिका प्रारम्भ में अपनी पत्नि या पति से अधिक प्रेम करती है, परन्तु बाद में चलकर उस प्रेम में कमी आ गई है।
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हस्त रेखा से वैवाहिक स्थिति का विवेचन (Know about Married life through Palmistry)

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imageKnow about Married life through Palmistry)
हाथों की लकीरें को विधाता का लेख कहा जाता है। इस लेख को पढ़ना जिसने सीख लिया उनके लिए भूत, भविष्य वर्तमान खुली किताब की तरह होता है। इन रेखाओं में विधाता ने जीवन की छोटी से छोटी घटनाओं लिख रखा है, आप चाहें तो इनसे भाग्य, धन, जीवन, विवाह सभी प्रश्न का हल जान सकते हैं।
हाथों की लकीरें को विधाता का लेख कहा जाता है। इय लेख को पढ़ना जिसने सीख लिया उनके लिए भूत, भविष्य वर्तमान खुली किताब की तरह होता है। इन रेखाओं में विधाता ने जीवन की छोटी से छोटी घटनाओं लिख रखा है, आप चाहें तो इनसे भाग्य, धन, जीवन, विवाह सभी प्रश्न का हल जान सकते हैं।

विवाह किसी भी व्यक्ति के जीवन में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। दार्शनिकों एवं विद्वानों ने तो कहा ही है शास्त्र भी कहता है कि विवाह के पश्चात व्यक्ति दो भागों में विभक्त हो जाता है अथवा व्यक्ति का दूसरा जीवन शुरू होता है। ज्योतिषशास्त्र में जब किसी व्यक्ति के जीवन की स्थिति का विश्लेषण किया जाता है तब व्यक्ति के जीवन को दो हिस्सों में बांटकर उनका विश्लेषण किया जाता है प्रथम विवाह पूर्व और दूसरा विवाह पश्चात। आपने भी देखा होगा कुछ लोग विवाह से पहले उन्नत स्थति में रहते हैं और शादी के पश्चात उनका जीवन मुश्किल दौर से गुजरने लगता है इसके विपरीत कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो विवाह से पहले परेशानी एवं मुश्किलों हालातों का सामना करते रहते हैं और विवाह के बाद उनका जीवन कामयाब और खुशहाल हो जाता है।

आप भी अगर शादी का सपना संजोये बैठे हैं और जानने को उत्सुक हैं कि आपकी शादी कब होगी और आपकी शादी शुदा जिन्दग़ी कैसी रहेगी तो इसके लिए आपको अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है आप अपनी हथेली से प्रश्न पूछ कर देखिये आपको जवाब जरूर मिल जाएगा अगर आप हथेली में मौजूद रेखाओं को पढ़ना जानते हैं। हस्तरेखा विशेषज्ञ बताते हैं कि हाथ में विवाह के लिए और वैवाहिक स्थिति के लिए दो रेखाओं से विचार किया जाना चाहिए एक तो बुध पर्वत के नीचे निकलने वाली रेखा से और दूसरी शुक्र पर्वत पर मौजूद रेखा से।

आमतौर पर इस संदर्भ में बुध पर्वत की रेखा को ही महत्वपूर्ण और सर्वमान्य माना जाता है आप भी इसी रेखा को विवाह के संदर्भ में देख सकते हैं। इस पर्वत पर अगर कई रेखाएं दिखाई दे रही हैं तो इसका अर्थ यह नहीं कि सभी रेखा शादी (Marriage Line)  की है अर्थात आपकी उतनी शादी होगी। इस पर्वत पर दिखने वाली सभी रेखाओं में से वही रेखा विवाह रेखा होगी जो सबसे गहरी और लम्बी होगी अन्य रेखा किसी के साथ प्रेम सम्बन्ध को दर्शाती है।

शादी किस उम्र में होगी इस विषय में यह कहा जाता है कि बुध पर्वत के नीचे निकलने वाली विवाह रेखा (Line of marriage) अगर हृदय रेखा से मिली होती है अथवा समीप होती है तो शादी कम उम्र में होती है, उम्र के हिसाब से कहें तो इस स्थिति में 14-20 वर्ष या इससे भी कम उम्र में आपकी शादी हो जाती है। यह रेखा अगर बुध पर्वत के मध्य तक दिखाई देती है तो आपकी उम्र समान्य आयु में अर्थात 21-28 वर्ष की आयु में होती है लेकिन अगर यह रेखा बुध पर्वत के एक तीहाई यानी आध से कम आती है तो शादी काफी देर से होती है यानी 28 से 35 वर्ष की आयु में जाकर ही आपके सिर पर सेहरा सजता है।  गौरतलब बात है कि अगर विवाह रेखा के समानांतर एक वैसी ही रेखा चल रही है तो इसका अर्थ है कि आपके सिर पर दो बार सेहरा सजना लिखा है।

यह तो रही है कि आपकी शादी कब होगी। लेकिन इससे भी जरूरी है कि शादी शुदा जिन्दगी कैसी रहेगी। इस विषय में कहा जाता है कि विवाह रेखा हाथ में जितनी गहरी, साफ और स्पष्ट होती है वैवाहिक जीवन उतना सुखमय और अच्छा रहता है। यदि भाग्य रेखा चन्द्र पर्वत से निकल कर हृदय रेखा तक आ रही है और गुरू पर्वत पर गुणा का चिन्ह नज़र आ रहा है तो यह इसारा है कि आपका वैवाहिक जीवन प्रेम और आनन्द भरा होगा, विवाह के पश्चात आप और तरक्की करेंगे। हस्त रेखा विशेषज्ञ कहते हैं, विवाह रेखा का कटा होना वैवाहिक जीवन के लिए शुभ नहीं माना जाता है। इस स्थिति में या तो तलाक होता है अथवा जीवन साथी की मृत्यु होती है। यह रेखा सिरे पर कई भागों में बंटा हो तो इसका अर्थ होता है कि वैवाहिक जीवन कष्टमय रहने वाला है।

अगर जीवनसाथी के साथ अनबन रहती है या आप जानना चाहते हैं कि शादी के बाद कहीं अनबन तो नहीं रहेगी इसके लिए देखिए कि सूर्य रेखा मस्तिष्क रेखा से निकलकर बीच-बीच में टूटी तो नहीं है। अगर ऐसा है तो अपने जीवनसाथ पर विश्वास कीजिए और उन्हें समझने की कोशिश कीजिए अन्यथा किसी और के कारण आपके वैवाहिक जीवन में अशांति और अनबन रहेगी। इसके अलावा आप यह भी देखिए कि सूर्य पर्वत से निकलकर पतली सी रेखा हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा को कटती हुई जीवन रेखा से तो नहीं मिल रही है अगर ऐसा है तो आप समझ लीजिए आपकी कामयाबी के बीच जीवनसाथी से अनबन बहुत बड़ा कारण है।

जीवन साथी आपका साथ इस जीवन में कब तक निभायेगा यानी क्या आप उसे तन्हा छोड़ जाएंगे या वो आपको छोड़ जाएगा यह भी आप हाथ की रेखाओं से जान सकते हैं। हस्तरेखा विज्ञान कहता है अगर विवाह रेखा झुककर हृदय रेखा को छू रहा है तो इसका अर्थ है कि आप अपने जीवनसाथी को अकेला छोड़ जाएंगे। विवाह रेखा के सिरे पर क्रास का चिन्ह दिख रहा है तो यह संकेत है कि जीवनसाथी अचानक बीच सफर में छोड़कर दुनियां से विदा हो जाएगा।
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Tuesday, August 16, 2011


पं. दयानन्द शास्त्री 

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अधिकतर लोगों के मुँह से यह सुनने में आता है कि हमारे तो गुण मिल गए थे परन्तु हमारे (पति-पत्नि) विचार नहीं मिल रहे हैं या हम लोगों ने एक-दूसरे को देखकर समझ-बूझकर शादी की थी। परन्तु बाद में दोनों में झगड़े बहुत होने लगे हैं। आप हस्तरेखा के द्वारा होने वाले धोखे, मंगेतर के बारे में या प्रेमी-प्रेमिका के बारे में जान सकते हैं। 

किसी भी स्त्री या पुरूष के प्रेम के बारे में पता लगाने के लिए उस जातक के मुख्य रूप से शुक्र पर्वत, हृदय रेखा, विवाह रेखा को विशेष रूप से देखा जाता है। इन्हें देखकर किसी भी व्यक्ति या स्त्री का चरित्र या स्वभाव जाना जा सकता है। 

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शुक्र क्षेत्र की स्थिति अँगूठे के निचले भाग में होती है। जिन व्यक्तियों के हाथ में शुक्र पर्वत अधिक उठा हुआ होता है। उन व्यक्तियों का स्वभाव विपरीत सेक्स के प्रति तीव्र आकर्षण रखने वाला तथा वासनात्मक प्रेम की ओर झुकाव वाला होता है। यदि किसी स्त्री या पुरूष के हाथ में पहला पोरू बहुत छोटा हो और मस्तिष्क रेखा न हो तो वह जातक बहुत वासनात्मक होता है। वह विपरीत सेक्स के देखते ही अपने मन पर काबू नहीं रख पाता है। 

अच्छे शुक्र क्षेत्र वाले व्यक्ति के अँगूठे का पहला पोरू बलिष्ठ हो और मस्तक रेखा लम्बी हो तो ऐसा व्यक्ति संयमी होता है। यदि किसी स्त्री के हाथ में शुक्र का क्षेत्र अधिक उन्नत हो तथा मस्तक रेखा कमजोर और छोटी हो तथा अँगूठे का पहला पर्व छोटा, पतला और कमजोर हो, हृदय रेखा पर द्वीप के चिह्न हों तथा सूर्य और बृहस्पति का क्षेत्र दबा हुआ हो तो वह शीघ्र ही व्याकियारीणी हो जाती है।

यदि किसी पुरूष के दाएँ हाथ में हृदय रेखा गुरू पर्वत तक सीधी जा रही है तथा शुक्र पर्वत अच्छा उठा हुआ है तो वह पुरूष अच्छा व उदार प्रेमी साबित होता है। परन्तु यदि यही दशा स्त्री के हाथ में होती है तथा उसकी तर्जनी अँगुली अनामिका से बड़ी होती है तो वह प्रेम के मामले में वफादार नहीं होती है। यदि हथेली में विवाह रेखा एवं कनिष्ठा अँगुली के मध्य में दो-तीन स्पष्ट रेखाएँ हो तो उस स्त्री या पुरूष के उतने ही प्रेम सम्बन्ध होते हैं। 

यदि किसी पुरूष की केवल एक ही रेखा हो और वह स्पष्ट तथा अन्त तक गहरी हो तो ऐसा जातक एक पत्निव्रता होता है और वह अपनी पत्नी से अत्यधिक प्रेम भी करता है। जैसा कि बताया गया है कि विवाह रेखा अपने उद्गम स्थान पर गहरी तथा चौड़ी हो, परन्तु आगे चलकर पतली हो गई हो तो यह समझना चाहिए कि जातक या जातिका प्रारम्भ में अपनी पत्नि या पति से अधिक प्रेम करती है, परन्तु बाद में चलकर उस प्रेम में कमी आ गई है।



हस्तरेखा: आप सेक्सी हैं यदि...

 
Source: धर्म डेस्क. उज्जैन   |   Last Updated 3:46 PM [IST](19/07/2010)
 
 
हाथों की बनावट और रेखाएं बता देती हैं कि आपका स्वभाव कैसा है? आपके विचार कैसे हैं? हस्तरेखा में रेखाओं के अतिरिक्त पर्वत क्षेत्र भी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। पर्वत क्षेत्र अर्थात् आपके हाथों में उभरे हुए अलग-अलग भाग।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन पर्वत क्षेत्रों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है शुक्र पर्वत क्षेत्र।

शुक्र पर्वत व्यक्ति की प्रणय, वासना, प्रेम और भोग विलास को दर्शाता है। जिस व्यक्ति का शुक्र पर्वत जितना अधिक उन्नत होता है वह उतना ही अधिक सेक्सी होता है। अत्यधिक उन्नत शुक्र पर्वत वाले व्यक्ति के दिमाग में सेक्स संबंधी विचार ही चलते रहते हैं।

कहां होता है शुक्र पर्वत...

अंगूठे के नीचे के भाग को शुक्र पर्वत कहते हैं। शुक्र पर्वत की अंतिम सीमा जीवन रेखा तक होती है। जीवन की परिधि जितनी अधिक होती है शुक्र पर्वत उतना ही अधिक बड़ा होता है। अधिक उन्नत शुक्र पर्वत को अच्छा नहीं माना जाता है।

- यदि शुक्र पर्वत सामान्य से कम उन्नत है तो ऐसे व्यक्ति निरस, रुखे स्वभाव वाले होते हैं। दोषपूर्ण शुक्र पर्वत होने पर व्यक्ति संतान उत्पन्न करने में असक्षम होता है। साथ ही ऐसे व्यक्तियों को जनेंद्रिय संबंधी को बीमारी हो सकती है।

- यदि शुक्र पर्वत उन्नत और उभरा हुआ है। साथ ही दोष रहित है तो ऐसे व्यक्ति स्वस्थ एवं सुंदर शरीर वाले, कामुक, संतान उत्पन्न करने की क्षमता करने वाला होता है।

- शुक्र पर्वत अत्यधिक उन्नत होने पर व्यक्ति भोग विलास में लिप्त रहने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति शक्तिशाली भी होता है।

ध्यान रहे शुक्र पर्वत और अंगूठे की बनावट पर साथ-साथ विचार किया जाना चाहिए।
 
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